भविष्य कथन



२३ मार्च २०१२



शुक्रवार विक्रवी सम्मत २०६९
चेत्र शुक्ल प्रतिपदा  प्रविष्टे १० चेत्र
उत्तर  भाद्रपद नक्षत्र,  भ्रम योग

चन्द्रमा मीन राशि पर २०:७ मिनट कन्या लगन में विश्ववसु नाम का नया विक्रमी सम्मत शुरू होगा! २३ मार्च के बाद धार्मिक अनुष्ठान, पूजा आदि धार्मिक कार्यों में, संकल्प आदि प्रयोग में विश्व वसु नामक सम्मत का नाम होना चाहिए! इस वर्ष का राजा और मंत्री  दोनों शुक्र ही होंगे!विश्व वसु सम्मत वाश कुंभकार(कुम्हार) के घर में होगा! सम्मत का वाहन मेंढक होगा!

शास्त्रों के अनुसार विश्व वसु सम्मत आने पर अनुकूल वर्षा नहीं होगी! कहीं सूखा और कहीं बाढ़ से खेती का नुकसान होगा! लोगो में क्लिष्ट( पेचीदा) प्रकार के रोगों में वृद्धि होगी! गेंहू, चावल, चीनी, दाल, खाद्य तेल, दूध घी और सोना, चांदी और पेट्रोलियम पदार्थों में तेजी होगी! देश के अधिकांश नेता जनता का ध्यान कम रखेंगे और अपने स्वार्थ के लिए काम करेंगे!

वर्ष का राजा और मंत्री शुक्र होने की वजह से हर क्षेत्र में महिलाओं की भागेदारी और प्रभाव बढेगा! पुरुषो और स्त्रियों में अश्लीलता बढ़ेगी! फैशन परस्ती  और अशोभनीय  प्रदर्शन  बढ़ेंगे जिससे गुप्त रोग और जटिल रोगों की उत्पत्ति होगी!

देश में मुद्रा स्फीति में वृद्धि , कमरतोड़ महंगाई , जन आन्दोलन, जातीय  हिंसा , विस्फोटक घटनाये और सत्ता  परिवर्तन में नेता फंसे रहेंगे! अत्यधिक महंगाई के कारण लोगो में असंतोष, आक्रोश और निराशा फेलेगी! नेता सामान्य वर्ग की और ध्यान कम देंगे! कोई भी पार्टी जनता के हितो के बारे में नहीं सोचेगी और नेता लोग एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में व्यस्त रहेंगे! सरकारी आश्वासन खोखले साबित होंगे! अमीरों और गरीबो के बीच  खाई और ज्यादा चौड़ी हो जाएगी!

७ अप्रेल से ३ जुलाई के मध्य कमश ५ शनिवार, ५ रविवार और मंगलवार पड़ने से अनिष्टकारी खप्पर योग घटित हो रहा है जिसके प्रभाव से देश में सत्ता परिवर्तन, किसी नेता का इस्तीफा देने का योग बन रहा है! इस मध्य सीमावर्ती क्षेत्रो  में दूसरे देशो के सनिकों का जमाव होने से युद्ध भय होने की सम्भावना है! इस समय सरकार को सीमावर्ती गतिविधियों के लिए सचेत रहना चाहिए! इस समय भारत सरकार को सीमावर्ती और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पद सकता है!

२१ जून से ३ अगस्त और १४ से २७ अगस्त के बिच देश के पूर्व उत्तर और उत्तर पश्चिमी भागो में अत्यधिक वर्षा होने के कारण तथा बाढ़ या प्राकर्तिक आपदाओं के कारण कृषि , धन आदि की भारी क्षति  होने के संकेत है! अग्निकांड, जन आन्दोलन, भूकंप, भूमि फिसलने आदि प्राकृतिक आपदाओं का भय रहेगा!

जन आन्दोलन और अन्ना हजारे के द्वारा प्रस्तुत भ्रष्टाचार उन्मूलन जन लोकपाल विधेयक के प्रति सरकार  की दमनकारी नीतियों और गैर जिम्मेदाराना व्यहार  के कारण सरकार  को आगामी विधानसभा चुनावों में दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश आदि प्रदेशों में भारी कीमत चुकानी पड़ेगी, जिसके कारण लाभ विपरीत दल को लाभ मिलेगा ! सरकार के प्रति लोगों में भारी असंतोष  रहेगा! अन्ना हजारे को भी इसके लिए काफी मेहनत  करनी पड़ेगी ! सरकार  के लिए अग्नि  परीक्षा के वातावरण बनेंगे!





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